पिछली सदी के सातवें दशक में जब भारत में औद्योगीकरण का महाभियान शुरू हुआ, तो देश की ऊर्जा ज़रूरतें बहुत बढ़ गई थीं। उस समय असम के डिगबोई तेल कुएँ को छोड़कर पूरे भारत में और कहीं पर खनिज तेल का उत्पादन नहीं हुआ करता था।
डिगबोई तेल कुएँ से भी बहुत कम मात्रा में कच्चा तेल मिलता था, जबकि भारत का खनिज तेल का आयात आसमान छू रहा था। भारत ने अपनी धरती में तेल की खोज करने के लिए पश्चिमी देशों के ऊर्जा विशेषज्ञों को नियुक्त किया, लेकिन उन्होंने आनन-फानन में भारत को ’तेल व गैस विहीन’ देश घोषित कर दिया।...