बस, बहुत बदसूरत नहीं हो
रूसी औरतें ऐसे पुरुषों को अच्छी नज़र से नहीं देखती हैं, जो अपना वैसे ही ख़याल रखते हैं, जैसे औरतें रखती हैं। अगर कोई पुरुष मॉइस्चराइजिंग लोशन लगाता है, नए से नए फ़ैशन पर नज़र रखता है, अपने नाखूनों की ख़ूबसूरती पर ध्यान देता है, ब्यूटी सैलून जाने में भी लापरवाही नहीं बरतता और सिर्फ़ जिम में जाकर ही मेहनत करता है, तो उस पर शक पैदा हो ही जाता है। खेल के मैदान में तो रूसी लोग ताक़तवर बनने के लिए जाते हैं, जिम में जाकर शरीर को ख़ूबसूरत नहीं बनाते।
रूस-भारत संवाद...